हे भगवान,

हे भगवान,
इस अनंत अपार असीम आकाश में......!
मुझे मार्गदर्शन दो...
यह जानने का कि, कब थामे रहूँ......?
और कब छोड़ दूँ...,?
और मुझे सही निर्णय लेने की बुद्धि दो,
गरिमा के साथ ।"

आपके पठन-पाठन,परिचर्चा एवं प्रतिक्रिया हेतु मेरी डायरी के कुछ पन्ने

ब्लाग का मोबाइल प्रारूप :-http://www.vmanant.com/?m=1

बुधवार, 1 सितंबर 2010

मेरा दीवानापन

आपने पूंछा है हमसे , क्या हम दीवाने थे कभी ।
आपको क्या लगता है , हम है दीवाने अब नहीं ।
दीवानगी के साथ तो , नाता मेरा जन्मों से है ।
दीवानगी के संग ही , गुजरा मेरा बचपन भी है ।
दीवानगी के जोर था, जब बचपन हुवा किशोर था ।
आयी जवानी जब मेरी , दीवानगी का शोर था ।
मै दीवाना ही पैदा हुवा, दीवाना ही मरना मुझे ।
दीवानगी को छोड़ कर, है क्या जिसे करना मुझे।
उम्र है बीती ज्यों-ज्यों मेरी , बदलती रही दीवानगी ।
बँध कर ना जी पाये कभी , हमने सीखी आवारगी ।
तो प्रश्न ही ये व्यर्थ है , जिसका नहीं कुछ अर्थ है ।
दीवाना मै प्रतिपल रहा , किसका यही बस प्रश्न है ।
जिसका मिलना अनिश्चित है , हम क्यों उसके दीवाने हो ।
जो चीज हमें मिलना ही  है , हम क्यों उसके परवाने हो ।
मै हूँ दीवाना उन सब का , जो नाम किसी के हुए नहीं ।
मै हूँ परवाना उन सब का , जिसकी पहचान हुयी नहीं ।
© सर्वाधिकार प्रयोक्तागण 2010 विवेक मिश्र "अनंत" 3TW9SM3NGHMG

1 टिप्पणी:

अपनीवाणी ने कहा…

अब आपके बीच आ चूका है ब्लॉग जगत का नया अवतार www.apnivani.com
आप अपना एकाउंट बना कर अपने ब्लॉग, फोटो, विडियो, ऑडियो, टिप्पड़ी लोगो के बीच शेयर कर सकते हैं !
इसके साथ ही www.apnivani.com पहली हिंदी कम्युनिटी वेबसाइट है| जन्हा आपको प्रोफाइल बनाने की सारी सुविधाएँ मिलेंगी!

धनयवाद ...

आप की अपनी www.apnivani.com टीम

आपके पठन-पाठन,परिचर्चा,प्रतिक्रिया हेतु,मेरी डायरी के पन्नो से,प्रस्तुत है- मेरा अनन्त आकाश

मेरे ब्लाग का मोबाइल प्रारूप :-http://vivekmishra001.blogspot.com/?m=1

आभार..

मैंने अपनी सोच आपके सामने रख दी.... आपने पढ भी ली,
आभार.. कृपया अपनी प्रतिक्रिया दें,
आप जब तक बतायेंगे नहीं..
मैं कैसे जानूंगा कि... आप क्या सोचते हैं ?
हमें आपकी टिप्पणी से लिखने का हौसला मिलता है।
पर
"तारीफ करें ना केवल, मेरी कमियों पर भी ध्यान दें ।

अगर कहीं कोई भूल दिखे ,संज्ञान में मेरी डाल दें । "

© सर्वाधिकार प्रयोक्तागण


क्रिएटिव कामन लाइसेंस
अनंत अपार असीम आकाश by विवेक मिश्र 'अनंत' is licensed under a Creative Commons Attribution-NonCommercial-ShareAlike 3.0 Unported License.
Based on a work at vivekmishra001.blogspot.com.
Permissions beyond the scope of this license may be available at http://vivekmishra001.blogspot.com.
Protected by Copyscape Duplicate Content Finder
Related Posts Plugin for WordPress, Blogger...