दोस्तों यदि आपको अपने जीवन में सफल होना है तो आपको पांडव बनना होगा अर्थात :-
  
- युधिष्ठिर :- युद्ध में स्थिर रहने वाला धर्म ,विवेक , बैराग्य।
 - भीम :- दृढ संकल्प, बल ।
 - अर्जुन :- एकाग्रता, एकनिष्ठा ।
 - नकुल :- कुलहीन ज्ञान ।
 - सहदेव :- लगन (भक्ति) ।
 
तब"काल का चक्र जब,
रच रहा कुचक्र हो ।
और उससे बचने का ,
हो ना कोई रास्ता ।
द्वार सब बंद हो ,
और रास्ते भी तंग हों ।
बढ़ रहा कुचक्र हो ,
चल रहा नित चक्र हो ।
ध्यान रहे कि कुरुक्षेत्र की लडाई केवल द्वापर तक सीमित ना रहकर आज भी हमारे जीवन की दिन प्रतिदिन की घटना है ।बचने को काल से ,
दो ही हैं रास्ते ।
रोंक दो चक्र को ,
और तोड़ दो कुचक्र को।
या तोड़ दो चक्र को ,
और रोंक दो कुचक्र को ।
फिर ना कोई चक्र होगा ,
ना ही कुचक्र होगा ।।"



1 टिप्पणी:
कुरुक्षेत्र की लड़ाई अनवरत जारी रहेगी..जब तक इन्सान है-पापा और पुण्य-धर्म अधर्म की खींचा तानी मची रहेगी.
एक टिप्पणी भेजें