हे भगवान,

हे भगवान,
इस अनंत अपार असीम आकाश में......!
मुझे मार्गदर्शन दो...
यह जानने का कि, कब थामे रहूँ......?
और कब छोड़ दूँ...,?
और मुझे सही निर्णय लेने की बुद्धि दो,
गरिमा के साथ ।"

आपके पठन-पाठन,परिचर्चा एवं प्रतिक्रिया हेतु मेरी डायरी के कुछ पन्ने

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शुक्रवार, 21 जनवरी 2011

जब चाँद छिप गया बादल में...

जब चाँद छिप गया बादल में , उसे ओंट की पड़ी जरुरत ।
मन के भाव छिपाने को , शब्दों की मुझे पड़ी जरुरत ।
शायद शब्दों में कह कर , कुछ अपनी लाज छुपा पाऊ ।
यूँ चाँद का सम्बल लेकर , कुछ रिश्तों को मै बचा पाऊ ।
आँखों से यदि बात किया , वो सच सबसे कह डालेंगी ।
मेरे अंतरमन के भावों का , वो पूरा वर्णन कर डालेंगी ।
अभी ओंट है शब्दों की , शब्दों का मै बाजीगर ।
शब्दों के अर्थ बदलने में , मै हूँ पूरा जादूगर ।
आधा सच और आधा झूंठ , ना पूरा सच ना पूरा झूंठ ।
क्या है सच क्या है झूंठ , ना सच जाने ना जाने झूंठ ।

शब्दों का भ्रम जाल सदा से , बचने की देता है छुट ।
लाज बचाकर रिश्तों की , उनको रखता सदा अटूट ।

© सर्वाधिकार प्रयोक्तागण 2010 विवेक मिश्र "अनंत" 3TW9SM3NGHMG

3 टिप्‍पणियां:

Deepak Saini ने कहा…

शब्दो की ओट लेकर बहुत गहरी बात कह गये आप
बधाई बेहतरीन रचना के लिए

Rajendra Swarnkar : राजेन्द्र स्वर्णकार ने कहा…

प्रिय बंधुवर विवेक मिश्र जी
नमस्कार !

बहुत ख़ूबसूरत है आपका ब्लॉग ! अच्छी सज-धज के साथ तस्वीरों और संगीत का सम्मिश्रण बहुत मनमोहक है … वाह वाऽऽह !

… और प्रस्तुत रचना भी बढ़िया है । पिछली पोस्ट्स में और भी प्रभावशाली कविताएं हैं ।

तमाम रचनाओं के लिए हार्दिक बधाई और मंगलकामनाएं !

शुभकामनाओं सहित
- राजेन्द्र स्वर्णकार

Vivek Mishrs ने कहा…

प्रिय बंधुवर
स्वागत है आपका
नमस्कार !
जितना प्यारा मेरा ब्लाग लगा आपको
उससे ज्यादा प्यारा आपका संबोधन लगा मुझे
सीधा दिल से निकला और दिल में उतर गया ...

आपका अपना ही ..
विवेक

आपके पठन-पाठन,परिचर्चा,प्रतिक्रिया हेतु,मेरी डायरी के पन्नो से,प्रस्तुत है- मेरा अनन्त आकाश

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आभार..

मैंने अपनी सोच आपके सामने रख दी.... आपने पढ भी ली,
आभार.. कृपया अपनी प्रतिक्रिया दें,
आप जब तक बतायेंगे नहीं..
मैं कैसे जानूंगा कि... आप क्या सोचते हैं ?
हमें आपकी टिप्पणी से लिखने का हौसला मिलता है।
पर
"तारीफ करें ना केवल, मेरी कमियों पर भी ध्यान दें ।

अगर कहीं कोई भूल दिखे ,संज्ञान में मेरी डाल दें । "

© सर्वाधिकार प्रयोक्तागण


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