हे भगवान,

हे भगवान,
इस अनंत अपार असीम आकाश में......!
मुझे मार्गदर्शन दो...
यह जानने का कि, कब थामे रहूँ......?
और कब छोड़ दूँ...,?
और मुझे सही निर्णय लेने की बुद्धि दो,
गरिमा के साथ ।"

आपके पठन-पाठन,परिचर्चा एवं प्रतिक्रिया हेतु मेरी डायरी के कुछ पन्ने

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रविवार, 15 अगस्त 2010

फिर वही तिरंगा..!

फिर आज चले लहराने तुम , लालकिले पर वही तिरंगा ।
जिसकी कसमें खाकर जाने , कितने क्रांति के बीज उगे ।
जिसकी छवि आँखों में रखकर ,  बेंत चंद्रशेखर ने खाए ।
जिसकी खातिर असेम्बली में , भगतसिंह बटुकेश्वर ने पर्चे लहराए ।
जिसकी खातिर बिस्मिल ने , काकोरी में लूटा था ट्रेन ।
जिसकी खातिर असफाक ने , दे दी  यौवन की क़ुरबानी ।  

जिसकी खातिर भेष बदल कर , जीने को विवश सुभाष हुए
जिसकी खातिर सर्वस लुटाकर, गोली अपनों की खायी गाँधी ने ।
बोलो क्या अब तक हम कर पाये , पूरे उनके सपनो को ???
या फिर पाल कर भ्रम को केवल , जीते रहे हम सपनों को ???
है भले देश में अपनी सत्ता , लेकिन हम क्या कर पाये है ?
भूँख , अशिक्षा, बेरोजगारी,बीमारी  का, क्या हम हल दे पाये है ?

लुटी जाती अस्मत अब भी , अब भी जलती बहुएं है ।
भींख मांगता बचपन है , और वही अपाहिज बुढ़ापा है ।
सौतेली है अब भी वो भाषा , जो राष्ट्र भाषा कहलाती है । 
सत्ता के चारो खम्भों पर , भारत मां रोती जाती  हैं ।
लूट घसोट मची है हर दिन, भ्रस्टाचार में सब कोई रंगा।
फिर भी देखो फहराने चले, लाल किले पर आज तिरंगा ।

 © सर्वाधिकार प्रयोक्तागण 2010 विवेक मिश्र "अनंत" 3TW9SM3NGHMG

2 टिप्‍पणियां:

شہروز ने कहा…

sundar desh bhakti se labrez geet !

अंग्रेजों से प्राप्त मुक्ति-पर्व ..मुबारक हो!

समय हो तो एक नज़र यहाँ भी:

आज शहीदों ने तुमको अहले वतन ललकारा : अज़ीमउल्लाह ख़ान जिन्होंने पहला झंडा गीत लिखा http://hamzabaan.blogspot.com/2010/08/blog-post_14.html

Udan Tashtari ने कहा…

बढ़िया!!

स्वतंत्रता दिवस के मौके पर आप एवं आपके परिवार का हार्दिक अभिनन्दन एवं शुभकामनाएँ.

सादर

समीर लाल

आपके पठन-पाठन,परिचर्चा,प्रतिक्रिया हेतु,मेरी डायरी के पन्नो से,प्रस्तुत है- मेरा अनन्त आकाश

मेरे ब्लाग का मोबाइल प्रारूप :-http://vivekmishra001.blogspot.com/?m=1

आभार..

मैंने अपनी सोच आपके सामने रख दी.... आपने पढ भी ली,
आभार.. कृपया अपनी प्रतिक्रिया दें,
आप जब तक बतायेंगे नहीं..
मैं कैसे जानूंगा कि... आप क्या सोचते हैं ?
हमें आपकी टिप्पणी से लिखने का हौसला मिलता है।
पर
"तारीफ करें ना केवल, मेरी कमियों पर भी ध्यान दें ।

अगर कहीं कोई भूल दिखे ,संज्ञान में मेरी डाल दें । "

© सर्वाधिकार प्रयोक्तागण


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