देखो ! वो जो आते है,
सब मुझसे नजर चुराते है।मै उन्हें हकीकत बतलाता हूँ,
उनको,उनका रूप दिखाता हूँ।फिर भी जाने क्यों ? वो मुझसे ,
रहते है नाराज सदा।
"चल पड़े मेरे कदम, जिंदगी की राह में, दूर है मंजिल अभी, और फासले है नापने..। जिंदगी है बादलों सी, कब किस तरफ मुड जाय वो, बनकर घटा घनघोर सी,कब कहाँ बरस जाय वो । क्या पता उस राह में, हमराह होगा कौन मेरा । ये खुदा ही जानता, या जानता जो साथ होगा ।" ミ★विवेक मिश्र "अनंत"★彡
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हे भगवान,
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