उफ़ बड़ी देर से कुछ लिखना चाह रहा हूँ... शब्द भी मेरे जेहन में है , भाव भी मेरे मन में है पर उसे धरातल पर आने से न जाने कौन सी बात रोंक दे रही है....
चलिए कुछ और ही लिखा जाना आज किस्मत में है शायद... तो यही सही
X----------------------------------------------------------------------X
जीवन में बहुत सी बाते है , होती कुछ और दिखाती कुछ है ।
जीवन के बहुत से राग है , बजते कुछ और लगते कुछ है ।
यह तो है हम पर ही निर्भर , कैसे सुने और देखें उनको ।
है यदि इच्छा सच की तुमको , दिल से सुनो मन से देखो ।
दिल जो कुछ भी सुनता है , वो सदा हकीकत होता है ।
मन भी जो करता महसूस , वह कपट नहीं हो सकता है ।
मन भी जो करता महसूस , वह कपट नहीं हो सकता है ।
नहीं कहोगे तब तुम ये , दिया है तुमको जग ने धोखा ।
और कहूँ क्या तुमसे , बस बनाना नही तुम कोई सोखा ।
और कहूँ क्या तुमसे , बस बनाना नही तुम कोई सोखा ।
जीवन में बहुत सी बाते होती , जो होकर भी नहीं होती जैसे ।
जीवन के बहुत से रंग है ऐसे , जो होकर भी बदरंग हो जैसे ।
यह तो है हम पर निर्भर , हम कब क्या और कैसे उन्हें देखें ।
है अगर भूंख सच्चाई की , हो अजर अमर अविनाशी देखें ।
है अगर भूंख सच्चाई की , हो अजर अमर अविनाशी देखें ।
है अजर अमर अविनाशी जो , सदा तुम्हारे अन्दर रहता है ।
जो भी करता वो महसूस , सत्यम शिवम् सुन्दरम होता है ।
नहीं कहोगे तब तुम ये फिर , कुछ तुमसे छिपाकर होता है ।
और कहूँ क्या मै अब तुमसे , तुममे भी तो ईश्वर रहता है ।
सर्वाधिकार प्रयोक्तागण 2011 © ミ★विवेक मिश्र "अनंत"★彡3TW9SM3NGHMG
4 टिप्पणियां:
जीवन के रंग निराले हैं....
सुंदर...
है यदि इच्छा सच की तुमको दिल से सुनो मन से देखो.
सुन्दर रचना.
जीवन बड़ा रंगीला रे .....कहीं सुर्ख कहीं पीला रे
बढ़िया प्रस्तुति
सुन्दर शेली सुन्दर भावनाए क्या कहे शब्द नही है तारीफ के लिए .
एक टिप्पणी भेजें