कुछ लोग पदों पर शोभित हैं ,
कुछ लोंगो से पद सुशोभित हैं ।
कुछ पहुँचे अथक परिश्रम से ,
कुछ पहुँचाये गए परिश्रम से ।
कुछ लोंगो से पद सुशोभित हैं ।
कुछ पहुँचे अथक परिश्रम से ,
कुछ पहुँचाये गए परिश्रम से ।
ये तो किस्मत है कुर्सी की ,
वह पैदा करती नित नयी कुर्सी ।
वर्ना एक बेचारी कुर्सी ,
किस किस की पूरी करती खुश्की ?
पद की शोभा है जिनसे ,
उनको कुछ भी कहना क्या ?
पद पर शोभित हैं जो भी ,
उनके बारे में कहना क्या ?
कुछ राजा भोज के जैसे हैं ,
बाकी सब गंगू तेली हैं ।
कुछ लोग पदों पर शोभित हैं ,
बाकी पद से सुशोभित हैं ।
1 टिप्पणी:
वाह क्या कटाक्ष किया है
शुभकामनाये
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