समय कहाँ टिकता है कभी, जो रुकता वो अबकी बारी ।
चलना होगा तुम्हे सदा , संग संग करके उससे यारी ।
समय की गति को थाम सके , उसको बाँहों में बांध सके ।
बलशाली नहीं ऐसा कोई , क्षणभंगुर जग में है हर कोई ।
बेहतर है समय के साथ चलें , पछताकर कभी ना हाथ मलें ।
हर क्षण है सुनहरा दरवाजा , आगे बढ़ना हो तो तू आ जा ।
है कर्म के संग ही भाग्य तेरा , देखो ना भटके लक्ष्य कहीं ।
हर कदम सजग होकर रखना , अवसर ना चूके कोई कहीं ।
हर बात समझकर तुम कहना , न उठे प्रश्न उस पर कोई ।
हर कार्य धैर्य से तुम करना , ना हो उसमे नादानी कोई ।
संयत रखना वाणी को , ना तुम्हे कहे अभिमानी कोई ।
हक भले छीनना पड़ जाये , करना नहीं बेईमानी कोई ।
सर्वाधिकार प्रयोक्तागण 2011 © ミ★विवेक मिश्र "अनंत"★彡3TW9SM3NGHMG
1 टिप्पणी:
karma aur bhagya ka samanway hi jiwan hai
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