आधे पर मन राजी है ,
तन भी राजी आधे पर ।
आधे को सिद्धांत मनाता ,
भौतिकी राजी आधे पर ।
आधा धर्म को प्यारा है ,
ईश्वर उससे न्यारा है ।
पर
नहीं चाहिए आधा रिश्ता ,
आधा दिल में सदा ही चुभता ।
आधे का है मोल वहा ,
जहाँ व्यापता धन और वैभव ।
आधे का क्या करेगा दिल ,
हमें चाहिए पूरा ह्रदय ।
© सर्वाधिकार प्रयोक्तागण 2010 ミ★विवेक मिश्र "अनंत"★彡3TW9SM3NGHMG
1 टिप्पणी:
bahut sundar...
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