जब बेईमान व्यक्ति सफल होता है तो यह उसकी बेईमानी की सफलता नहीं वरन यह उसमे पाए जाने वाले अच्छे गुणों की सफलता होती है ।
यह जरूरी नहीं है की एक ईमानदार आदमी सभी योग्यताओं से युक्त हो । हो सकता है की कोई व्यक्ति सिर्फ ईमानदार हो पर साथ में कमजोर,हिम्मत हीन , अव्यवहार कुशल या कायर हो । तो अगर एक ईमानदार व्यक्ति असफल होता है तो ज्यादा संभावना होती है कि वह अपनी ईमानदारी के वजह से नही वरन अपनी अन्य कमजोरियों के वजह से असफल है ।
चोरी या बेइमानी सफलता नही लाती है क्योंकि वो तो अपने आप में असफल होने को आबद्घ है । हाँ अगर उसमे अन्य योग्यताये जुड जाए तो वह सफल हो सकती है । वही अगर ये सारे गुण किसी अ-चोर में हो तो उसकी सफलता के क्या कहने ।
वास्तव में दुनिया के बुरे से बुरे व्यक्ति की सफलता के पीछे वही गुण होते है जो दुनिया के अच्छे से अच्छे व्यक्ति की सफलता के पीछे होते है और इसका उल्टा असफलता के लिए लागू होता है ।
तो व्यर्थ में किसी बे-ईमान सफल व्यक्ति से सिर्फ इस लिए इर्ष्या ना करे की वो बे-ईमान है , पहले उसकी सफलता के अन्य कारणो को भी समझे ।
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