हे भगवान,

हे भगवान,
इस अनंत अपार असीम आकाश में......!
मुझे मार्गदर्शन दो...
यह जानने का कि, कब थामे रहूँ......?
और कब छोड़ दूँ...,?
और मुझे सही निर्णय लेने की बुद्धि दो,
गरिमा के साथ ।"

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रविवार, 12 मई 2013

सफल बे-ईमान...

जब बेईमान व्यक्ति सफल होता है तो यह उसकी बेईमानी की सफलता नहीं वरन यह उसमे पाए जाने वाले अच्छे  गुणों की सफलता होती है ।

यह जरूरी नहीं है की एक ईमानदार आदमी सभी योग्यताओं से युक्त हो । हो सकता है की कोई व्यक्ति सिर्फ ईमानदार हो पर साथ में कमजोर,हिम्मत हीन , अव्यवहार कुशल या कायर हो । तो अगर एक ईमानदार व्यक्ति असफल होता है तो ज्यादा संभावना होती है कि वह अपनी ईमानदारी के वजह से नही वरन अपनी अन्य कमजोरियों के वजह से असफल है 

वही एक बेइमान व्यक्ति साहसी,बुद्धिमान,संगठन क्षमता युक्त,भविष्य का अनुमान करने वाला,पहल करने वाला आधि उच्च गुणों से युक्त हो सकता है और इन सारे गुणों की वजह से वो आसानी से सफलता प्राप्त कर लेता है । जैसे चोरी भी एक जटिल विग्ज्ञान है , इसमे बडे गुण चाहिए । एक सफल चोर में एक सैनिक के समान हिम्मत , एक संत के समान शांति और एक ज्ञानी के समान अन्तर्दृष्ट होनी चाहिए अन्यथा ना तो वो चोरी करने की हिम्मत जुटा पायेगा और अगर जाएगा भी तो पकड़ा  जायेगा ।

चोरी या बेइमानी सफलता नही लाती है क्योंकि वो तो अपने आप में असफल होने को आबद्घ है । हाँ अगर उसमे अन्य योग्यताये जुड जाए तो वह सफल हो सकती है । वही अगर ये सारे गुण किसी अ-चोर में हो तो उसकी सफलता के क्या कहने ।

वास्तव में दुनिया के बुरे से बुरे व्यक्ति की सफलता के पीछे वही गुण होते है जो दुनिया के अच्छे से अच्छे व्यक्ति की सफलता के पीछे होते है और इसका उल्टा  असफलता के लिए लागू होता है ।

तो व्यर्थ में किसी बे-ईमान सफल व्यक्ति से सिर्फ इस लिए इर्ष्या ना करे की वो बे-ईमान है , पहले उसकी सफलता के अन्य कारणो को भी समझे

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आभार..

मैंने अपनी सोच आपके सामने रख दी.... आपने पढ भी ली,
आभार.. कृपया अपनी प्रतिक्रिया दें,
आप जब तक बतायेंगे नहीं..
मैं कैसे जानूंगा कि... आप क्या सोचते हैं ?
हमें आपकी टिप्पणी से लिखने का हौसला मिलता है।
पर
"तारीफ करें ना केवल, मेरी कमियों पर भी ध्यान दें ।

अगर कहीं कोई भूल दिखे ,संज्ञान में मेरी डाल दें । "

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