समय कितनी तेज गति से गुजरता जा रहा है ,
बंद मुठ्ठी से रेत ज्यों फिसलता जा रहा है..!
बस अभी कुछ साल पहले तक तो मै बच्चा ही था ,
फिर ना जाने दबे पाँव कब जवानी छा गयी..!
डूब और उतरा रहा था मै अभी आगोश में ,
कि ये देखो पौढ़ता द्वार पर मेरे आ रही..!
सोंचता हूँ अब तो समझ लूँ बीतते हर वक्त को ,
हो रहा तैयार होगा कही अंत भी "अनंत" का...!
अलविदा वर्ष ...२०१२-२०१३
स्वागत है नव वर्ष २०१३-२०१४....
बंद मुठ्ठी से रेत ज्यों फिसलता जा रहा है..!
बस अभी कुछ साल पहले तक तो मै बच्चा ही था ,
फिर ना जाने दबे पाँव कब जवानी छा गयी..!
डूब और उतरा रहा था मै अभी आगोश में ,
कि ये देखो पौढ़ता द्वार पर मेरे आ रही..!
सोंचता हूँ अब तो समझ लूँ बीतते हर वक्त को ,
हो रहा तैयार होगा कही अंत भी "अनंत" का...!
अलविदा वर्ष ...२०१२-२०१३
स्वागत है नव वर्ष २०१३-२०१४....
सर्वाधिकार प्रयोक्तागण 2011 © ミ★विवेक मिश्र "अनंत"★彡3TW9SM3NGHMG