क्या करे क्या ना करे...
कुछ समझ आता नहीं...
नींद भी आती नहीं ,
चैन भी आता नहीं ।
सोंचता था सब निबटाकर , चैन से मै सो सकूँगा ।
जो था होना हो चुका , अब चैन से मै जी सकूँगा ।
पर वही लफड़ा पुराना , फिर वही गूँजे तराना ।
ना नियम ना कायदे , बस वही रोना और गाना ।
क्या करे क्या ना करे...
कुछ समझ आता नहीं...
कब कहाँ करना है क्या ,
कुछ भी पता चल पाता नहीं ।
बीत रहे दिन रात भले , पर नहीं लगता कुछ बदला ।
दिन महीने साल बीते , पर नहीं हालात कुछ बदला ।
दर चुके कितनी ही दाल , पर नहीं गलती है दाल ।
अब तो लगने ये लगा , जैसे हो मकड़ी का जाल ।
क्या करे क्या ना करे...
कुछ समझ आता नहीं...
कुछ समझ आता नहीं...
नींद भी आती नहीं ,
चैन भी आता नहीं ।
सोंचता था सब निबटाकर , चैन से मै सो सकूँगा ।
जो था होना हो चुका , अब चैन से मै जी सकूँगा ।
पर वही लफड़ा पुराना , फिर वही गूँजे तराना ।
ना नियम ना कायदे , बस वही रोना और गाना ।
क्या करे क्या ना करे...
कुछ समझ आता नहीं...
कब कहाँ करना है क्या ,
कुछ भी पता चल पाता नहीं ।
बीत रहे दिन रात भले , पर नहीं लगता कुछ बदला ।
दिन महीने साल बीते , पर नहीं हालात कुछ बदला ।
दर चुके कितनी ही दाल , पर नहीं गलती है दाल ।
अब तो लगने ये लगा , जैसे हो मकड़ी का जाल ।
क्या करे क्या ना करे...
कुछ समझ आता नहीं...
सांप छछुंदर की है स्थित ,
कुछ भी दिल को भाता नही ।
सर्वाधिकार प्रयोक्तागण 2011 © ミ★विवेक मिश्र "अनंत"★彡3TW9SM3NGHMG
1 टिप्पणी:
मंगलवार 07/05/2013को आपकी यह बेहतरीन पोस्ट http://nayi-purani-halchal.blogspot.in पर लिंक की जा रही हैं ....
आपके सुझावों का स्वागत है ....
धन्यवाद .... !!
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