तुम्हे शौख होगा चेहरे पर मुखौटे पहनने का,
हम अपने चहरे पर कोई नकाब नहीं रखते।
तुम्हे शौख होगा बातों को घुमाकर कहने का,
हम अपनी जबान में झूंठी मिठास नहीं रखते।
"चल पड़े मेरे कदम, जिंदगी की राह में, दूर है मंजिल अभी, और फासले है नापने..। जिंदगी है बादलों सी, कब किस तरफ मुड जाय वो, बनकर घटा घनघोर सी,कब कहाँ बरस जाय वो । क्या पता उस राह में, हमराह होगा कौन मेरा । ये खुदा ही जानता, या जानता जो साथ होगा ।" ミ★विवेक मिश्र "अनंत"★彡
मैंने अपनी सोच आपके सामने रख दी.... आपने पढ भी ली,
आभार.. कृपया अपनी प्रतिक्रिया दें,
आप जब तक बतायेंगे नहीं.. मैं कैसे जानूंगा कि... आप क्या सोचते हैं ?
हमें आपकी टिप्पणी से लिखने का हौसला मिलता है।
पर
"तारीफ करें ना केवल, मेरी कमियों पर भी ध्यान दें ।अगर कहीं कोई भूल दिखे ,संज्ञान में मेरी डाल दें । "