ना बेकल हो मेरे मन तू इतना , समय की धारा बहने दे।
जो चीज लिखी जिस समय तुझे , वो समय पास तो आने दे।
तेरे बस में केवल इतना , कर्तव्य निभाता अपना चल।
कंकर पत्थर काँटों को हटा , तू राह बनाता अपना चल।
है फूलो से जो प्यार तुझे , कलियो को ना मुरझाने दे।
डाल से तोड़ कर उनको तू , राहों में कुचल ना जाने दे।
जो चीज लिखी जिस समय तुझे , वो समय पास तो आने दे।
तेरे बस में केवल इतना , कर्तव्य निभाता अपना चल।
कंकर पत्थर काँटों को हटा , तू राह बनाता अपना चल।
है फूलो से जो प्यार तुझे , कलियो को ना मुरझाने दे।
डाल से तोड़ कर उनको तू , राहों में कुचल ना जाने दे।
हो अगर जरूरी तेरे लिए , कुछ मोहरों को पिट जाने दे।
दो कदम हटा कर पीछे तू , फिर अपनी बारी आने दे।
मोर्चे पर डटे रहना ही सदा , नहीं समय की होती माँग कभी।
हो अगर जरूरी पीछे हट , दुश्मन को पहले पहचान अभी।
मत जोश में खोना होश कभी , हर शब्द तौल कर तुम कहना।
हर शब्द के कितने अर्थ यहाँ , तुम उसका ध्यान सदा रखना।
क्या मिला है किसको अब तक , इससे तुमको लेना क्या ?
जो तुम्हे चाहिए उसके लिए , सोंचो तुमको करना क्या ?
तैयार रहो हर पल के लिए , कब कैसी समय की धार बहे।
मझधार में नाव को खेने का , तुमसे समय की मांग रहे।
ना बेकल हो मेरे मन तू इतना , समय की धारा बहने दे।
जो चीज लिखी जिस समय तुझे , वो समय पास तो आने दे।
सर्वाधिकार प्रयोक्तागण 2011 © ミ★विवेक मिश्र "अनंत"★彡3TW9SM3NGHMG