देश में थी दो दो सरकारे ।
हैरत सोती थी दो की दोनों सरकारे ।
एक को आया सोते-सोते सोने का सपना ।
सुन नींद में भागी दूजी लेकर कुदाल फावड़ा अपना ।
सोंचा सबने जो सपना सच हो जायेगा ।
सोने के भाव ताम्बे के बराबर हो जायेंगा ।
अपना रूपया डालर का बाप कहलायेगा ।
शोभन सरकार का नाम इतिहास में जायेगा ।
भारत सरकार फिर से चवन्नी का सिक्का चलाएगी ।
अपना देश अमीर हो फिर से सोने कि चिड़िया कहाएगी ।
मगर अफसोस न निकला सोना ।
दोनों सरकार का टूटा सपना ।
सब चंडूखाने(अफीम की दुकान) की हुयी कहानी ।
अब सुनाये दादा-दादी अपने बच्चो को कहानी.. ।
हैरत सोती थी दो की दोनों सरकारे ।
एक को आया सोते-सोते सोने का सपना ।
सुन नींद में भागी दूजी लेकर कुदाल फावड़ा अपना ।
सोंचा सबने जो सपना सच हो जायेगा ।
सोने के भाव ताम्बे के बराबर हो जायेंगा ।
अपना रूपया डालर का बाप कहलायेगा ।
शोभन सरकार का नाम इतिहास में जायेगा ।
भारत सरकार फिर से चवन्नी का सिक्का चलाएगी ।
अपना देश अमीर हो फिर से सोने कि चिड़िया कहाएगी ।
मगर अफसोस न निकला सोना ।
दोनों सरकार का टूटा सपना ।
सब चंडूखाने(अफीम की दुकान) की हुयी कहानी ।
अब सुनाये दादा-दादी अपने बच्चो को कहानी.. ।
सर्वाधिकार प्रयोक्तागण 2011 © ミ★विवेक मिश्र "अनंत"★彡3TW9SM3NGHMG