जीवन के उन क्षणों को , चाहूँगा बार बार ।
तुझको अपने दिल में , बुलाऊँगा बार बार ।
तेरे ओंठो की तपिश , जगाऊँगा बार बार ।
तुझसे मिलने के लिए , आऊँगा बार बार ।
जीवन के उन क्षणों को , चाहूँगा बार बार ।
तुझको अपनी यादों में , बसाऊँगा बार बार ।
सर्वाधिकार प्रयोक्तागण 2011 © ミ★विवेक मिश्र "अनंत"★彡3TW9SM3NGHMG
तुझको अपने दिल में , बुलाऊँगा बार बार ।
तेरे ओंठो की तपिश , जगाऊँगा बार बार ।
तुझसे मिलने के लिए , आऊँगा बार बार ।
जीवन के उन क्षणों को , चाहूँगा बार बार ।
तुझको अपनी यादों में , बसाऊँगा बार बार ।
फिर याद मुझको आयेगी , तेरे ओंठो की छुवन वो ।
संग याद मुझको आयेगी , तेरे ओंठो की वो लाली ।
जब बैठे थे हम दोनों , एक दूसरे के पास ।
फिर याद मुझको आयेगी , तेरे आहो की तपन वो ।
संग याद मुझको आयेगी , तेरे चहरे की उदासी ।
जब जा रहे थे हम दोनों , एक दूसरे से दूर ।
सोंच कर इन प्यारी , यादो को बार बार ।
मागूँगा तुझसे , मुलाकातों को बार बार ।
बस डरता हूँ कही तुम , मुझको ही ना भुला दो ।
पाकर कर नया साथी , मेंरी यादो को मिटा दो ।
यदि ऐसा कभी तुमने , जान कर किया ।
ये सोंच लेना तुमने , मेरी जान ले लिया ।
ऐसा नहीं है कि मै , जीवित ना रहूँगा ।
लेकिन तेरी याद में , हर पल मै मरूँगा ।
आने वाली हर साँस में , बस तुझसे ये कहूँगा ।
क्यों तुमने मेरे दिल से , था खिलवाड़ ये किया ?
जब मुझको भुला देना ही , नीयत थी तेरी ।
क्यों मुझको यूँ दिल से , लगाया था बार बार ।
हाँ अगर तुमने मेरी , यादो को संजोया ।
जीता रहूँगा मै सदा , बस तुझको करके याद ।
यदि कभी ईश्वर ने , फिर से कही मिलाया ।
जी भर के तुझे देख , भर लूँगा दिल की आस ।
हाँ अगर चाहा तुमने , कभी भी मेरा साथ ।
पाओगे मुझको तुम सदा , अपने ही आस पास ।
है मंजिले अलग , तो रस्ते भी अलग हैं ।
लेकिन कई मुकाम है , जहाँ रहेंगे आस पास ।
सर्वाधिकार प्रयोक्तागण 2011 © ミ★विवेक मिश्र "अनंत"★彡3TW9SM3NGHMG
1 टिप्पणी:
बहुत सुन्दर प्रस्तुति !
डैश बोर्ड पर पाता हूँ आपकी रचना, अनुशरण कर ब्लॉग को
अनुशरण कर मेरे ब्लॉग को अनुभव करे मेरी अनुभूति को
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