बस तेरे इन्तिज़ार में बैठ,
हमने सारा दिन गुजार दिया ।
तुम नहीं आये तो लगा,
हमने मुद्दते गुजार दिया ।
था भोर होने के समय से ,
तुमसे मिलने का इन्तिज़ार ।
फिर शाम आयी और ढल गयी ,
पर तुम ना आये मिलने यार ।
क्या करे मजबूर है कुछ ,
अपने किये वादे से हम ही ।
एक तेरा ही इन्तिज़ार सदा ,
करते रहे मुद्दत से बस हम ही ।
तुम ना आये मिलने अगर ,
कोई झूंठा बहाना ही बनाते ।
मिलने का हुआ मन नहीं ,
कहकर दिल ना यूँ तुम तोड़ जाते ।
सर्वाधिकार प्रयोक्तागण 2011 © ミ★विवेक मिश्र "अनंत"★彡3TW9SM3NGHMG
7 टिप्पणियां:
बहुत खूब ...
इस पोस्ट के लिए आपका बहुत बहुत आभार - आपकी पोस्ट को शामिल किया गया है 'ब्लॉग बुलेटिन' पर - पधारें - और डालें एक नज़र - सब खबरों के बीच एक खुशखबरी – ब्लॉग बुलेटिन
सुंदर !
बहुत सुन्दर भाव अभिव्यक्ति...
तस्वीर बहुत कमाल की लगाई है...
बहुत ही बढिया।
बहुत खूब ...
बहुत सुन्दर भावपूर्ण प्रस्तुति
first time i visit your blog ,i follow this.
एक टिप्पणी भेजें