नाहक ही पूंछ बैठे हम , कल एक सवाल उनसे ।
वो जिन्हे हम याद करते, थकते नही है दिल से ।
मन के कोनो मे जिनकी, याद बसी रहती है हर पल ।
ना केवल फ़ुरसत में, व्यस्तता के पलो मे भी हर पल ।
सवाल था सीधा सा, क्या कभी हम याद आते है उन्हे ।
बड़ी ही मासूमियत से फिर , वो बोले देखते हुये हमे ।
अरे क्यो सोंचा हम कभी याद करते नही तुम्हे ?
हर खाली लम्हों मे बस आप याद आते है हमें !
बात सही थी, यूँ आयी गयी और भुला दी गयी कुछ पल मे ।
पर यह भी सच है उन्हे खाली लम्हा मिलता कहां जीवन मे ?
सर्वाधिकार प्रयोक्तागण 2011 © ミ★विवेक मिश्र "अनंत"★彡3TW9SM3NGHMG
3 टिप्पणियां:
बढ़िया प्रस्तुति!
Dhanyawab bhai..
Post blog buletin me samil karane ke liye aapka aabhar Shivam ji.
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