हाथ में हाथ पकड़ हम दोनों , भींगे उसमे रानी ।
कहो कैसी है प्रेम कहानी , सुनो ध्यान लगाकर रानी ।
निकल रहा हो चाँद गगन में , चमक रहे हो नन्हे तारे ।
आँखों में आँखे डाले हम तुम , बुनते हो सपने प्यारे ।
सुन रही हो प्यारी रानी , अब बढ़ने लगी कहानी ।
जब दिनकर आने वाले हों , पुष्प भी खिलने जाते हों ।
मधुर गीत हम दोनों ही , मिलकर कोरस में गाते हों ।
कुछ समझ रही हो रानी , है ये कैसी प्रेम कहानी ।
सावन की घटायें आने पर , जब कोयल का हो मन डोला ।
हम दोनों खोकर एक दूजे में , झूले मस्ती में झूला ।
कहो कैसी लगी कहानी , क्या सोने लगी हो रानी ।
© सर्वाधिकार प्रयोक्तागण 2010 विवेक मिश्र "अनंत" 3TW9SM3NGHMG
2 टिप्पणियां:
बहुत सुन्दर प्रस्तुति
sundar pyar mein jeeti jaagti rachna...badiya prastuti
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