जिंदगी है एक पर , रंग उसमे है हजार ।
एक पल में है ख़ुशी , एक पल में दुःख हजार ।
एक ही होता है दिल , जो भेष बदलता रहता है ।
कभी दरियादिल बन जाता , कभी पत्थर का हो जाता है ।
एक पल में है ख़ुशी , एक पल में दुःख हजार ।
एक ही होता है दिल , जो भेष बदलता रहता है ।
कभी दरियादिल बन जाता , कभी पत्थर का हो जाता है ।
देखने में इन्सान सब , एक से लगते यहाँ ।
पर न जाने रूप कितने , है छुपे उनमे यहाँ ।
रात-दिन करते हैं पूजा , पर पत्थर कहते भगवान को ।
भूल कर सब दोष अपने , आरोपित करते भाग्य को ।
उलझने सुलझाने की , दावे जो करते यहाँ ।
वो ही उसे उलझाकर , हैं मजा लेते यहाँ ।
जो आज मिलते हैं गले , वो काट लेते कल गला ।
लेकर सपथ सच की यहाँ , सच को ही देते जला ।
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