हे भगवान,

हे भगवान,
इस अनंत अपार असीम आकाश में......!
मुझे मार्गदर्शन दो...
यह जानने का कि, कब थामे रहूँ......?
और कब छोड़ दूँ...,?
और मुझे सही निर्णय लेने की बुद्धि दो,
गरिमा के साथ ।"

आपके पठन-पाठन,परिचर्चा एवं प्रतिक्रिया हेतु मेरी डायरी के कुछ पन्ने

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शुक्रवार, 3 दिसंबर 2010

यदि इम्तहान उनका है ये , तो इम्तहान मेरा भी है ।

किसी ने क्या खूब कहा है :-

"वो बुझाये मै जलूँ , यह जुस्तजू दोनों में थी ।
इम्तहां उनका भी था , और इम्तहां मेरा भी था ।।"

आप सभी का पुन:  स्वागत है..

मै नही कहता कि मैंने  , किसी दर पर शीश झुकाया नहीं ।
पर हर दर पर फ़ौरन मुझको , शीश झुकाना भाया नहीं ।
यूँ वो भी कोई शीश है जो , हर दर पर झुक जाता हो ?
पर वो दर भी क्या दर है , जो शीश झुका ना पाता हो ?
अगर नहीं है मन में श्रधा , फिर शीश झुकाने का क्या मतलब ?
दिल में नही है चाह अगर , तो सीने से लगाने का क्या मतलब ?
मत कहना अभिमान इसे , ये तो है निर स्वाभिमान ही ।
शीश झुकाने का आडम्बर , कर सकता कोई बेईमान ही ।
हाँ कुछ दर ऐसे भी होते हैं , जिनको भाती है चाटुकारिता ।
सत्ता मद में होकर चूर , वो करते जाते हैं व्याभिचारिता ।
ऐसे दर जब मुझे झुकाना चाहेंगे , मै शीश उठाये रखूँगा ।
वो डर, भय लोभ दिखायेंगे ,  मै फिर भी सच ही बोलूँगा ।

विजय किसे मिल पाती है , वक्त ही तय कर पायेगा ।
स्वाभिमान और आडम्बर, जब आपस में टकराएगा ।
जब गरिमामय होगा दर , मै स्वयं से शीश झुकाऊंगा ।
वर्ना हर दर से मै वापस , बिना शीश झुकाए जाऊंगा ।
यह तो है एक इम्तहान , जिसे हम दोनों को देना है ।
यदि इम्तहान उनका है ये , तो इम्तहान मेरा भी है ।
© सर्वाधिकार प्रयोक्तागण 2010 विवेक मिश्र "अनंत" 3TW9SM3NGHMG

4 टिप्‍पणियां:

Unknown ने कहा…

rachna me jaan hai

bahut achhi lagi......badhaai !

Vivek Mishrs ने कहा…

Shukriya albela ji..Hausala Afjai ke liye.

vivek ने कहा…

very good lines

Rahul Singh ने कहा…

शीश उठाए रखने के सामने शीश झुकाने का जज्‍बा.

आपके पठन-पाठन,परिचर्चा,प्रतिक्रिया हेतु,मेरी डायरी के पन्नो से,प्रस्तुत है- मेरा अनन्त आकाश

मेरे ब्लाग का मोबाइल प्रारूप :-http://vivekmishra001.blogspot.com/?m=1

आभार..

मैंने अपनी सोच आपके सामने रख दी.... आपने पढ भी ली,
आभार.. कृपया अपनी प्रतिक्रिया दें,
आप जब तक बतायेंगे नहीं..
मैं कैसे जानूंगा कि... आप क्या सोचते हैं ?
हमें आपकी टिप्पणी से लिखने का हौसला मिलता है।
पर
"तारीफ करें ना केवल, मेरी कमियों पर भी ध्यान दें ।

अगर कहीं कोई भूल दिखे ,संज्ञान में मेरी डाल दें । "

© सर्वाधिकार प्रयोक्तागण


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