मत याद करो मुझको तुम , मत एहसान करो मुझ पर तुम ।
यदि अपने से मै याद ना आऊ , मत खोजो मेरे कहने पर तुम ।
कब तक जबरन याद करोगे , यू कब तक मजबूर रहोगे तुम ।
बिना स्वतः इच्छा के भाई , यू कब तक साथ चलोगे तुम ।
यदि अपने से मै याद ना आऊ , मत खोजो मेरे कहने पर तुम ।
कब तक जबरन याद करोगे , यू कब तक मजबूर रहोगे तुम ।
बिना स्वतः इच्छा के भाई , यू कब तक साथ चलोगे तुम ।
हर रिश्ता होता है बंधन , जिसे हमें निभाना होता है ।
गम और ख़ुशी के पल को , हमें साझा करना होता है ।
अपनो को अपनेपन का , सदा एहसास करना होता है ।
यू आगे बढ़ कर अपनो का , हमें साथ निभाना होता है ।
कुछ जन्मजात के रिश्ते है , कुछ बनते दिल के रिश्ते है ।
कुछ मोल-भाव के रिश्ते है , कुछ बिना मोल के रिश्ते है ।
आसान बहुत है रिश्ते जोड़ना , मुश्किल उन्हें चलाते जाना ।
अपनो का दिल तोड़े बिना , जीवन भर साथ निभाते जाना ।
2 टिप्पणियां:
sach rishte jodna jitna assan hai unhen nibhana utna hi kathin..
rishton ko samjhati batati sundar saarthak rachna..
nice written...nicely expressed feelings
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