तेरी बाते तू ही जाने , मै तो अपनी कहता हूँ ।
दिल की बाते तुम समझो , मै तो शब्दों में कहता हूँ ।
तुम बाते रखते हो दिल में , मै बात जुबाँ पर रखता हूँ ।
तुम साथ निभाते हो छुपकर , मै महफ़िल में संग रहता हूँ ।
किस पल की बात कहें हम तुमसे , हर पल ही तुम संग रहते हो ।
फिर दिल की बात कहें क्या उनसे , जो स्वयं ही दिल में रहते हो ।
सर्वाधिकार प्रयोक्तागण 2011 © ミ★विवेक मिश्र "अनंत"★彡3TW9SM3NGHMG
2 टिप्पणियां:
खुबसूरत अभिव्यक्ति ....
सुन्दर शब्द और कोमल भावनाएं....
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