मेरी डायरी के पन्ने....

बुधवार, 30 मई 2012

तुम ना आये...

बस तेरे इन्तिज़ार में बैठ,
हमने सारा दिन गुजार दिया 
तुम नहीं आये तो लगा,
हमने मुद्दते गुजार दिया ।

        था भोर होने के समय से ,
        तुमसे मिलने का इन्तिज़ार ।
        फिर शाम आयी और ढल गयी ,
        पर तुम ना आये मिलने यार ।

                क्या करे मजबूर है कुछ ,
                अपने किये वादे से हम ही ।
                एक तेरा ही इन्तिज़ार सदा ,
                करते रहे मुद्दत से बस हम ही ।

                        तुम ना आये मिलने अगर ,
                        कोई झूंठा बहाना ही बनाते ।
                        मिलने का हुआ मन नहीं ,
                        कहकर दिल ना यूँ तुम तोड़ जाते ।

सर्वाधिकार प्रयोक्तागण 2011 © ミ★विवेक मिश्र "अनंत"★彡3TW9SM3NGHMG

7 टिप्‍पणियां:

  1. बहुत सुन्दर भाव अभिव्यक्ति...
    तस्वीर बहुत कमाल की लगाई है...

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  2. बहुत सुन्दर भावपूर्ण प्रस्तुति

    जवाब देंहटाएं

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ミ★विवेक मिश्र "अनंत"★彡
"अगर है हसरत मंजिल की, खोज है शौख तेरी तो, जिधर चाहो उधर जाओ, अंत में फिर मुझको पाओ। "

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