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शुक्रवार, 31 जनवरी 2014

जो भी हूँ मै जैसा हूँ...

जो भी हूँ मै जैसा हूँ , अपने आप में वैसा हूँ। 
लाख कमी हो मुझमे , फिर भी अपने जैसा हूँ। 
कभी ख़ुशी कभी गुस्से में , अपनी बातें कहता हूँ।
अपनो की सब सुनता पर , अपने दिल की करता हूँ।

ना बनने की कोशिश की , ना औरो जैसा दिखने की। 
यूँ जो भी हूँ मै जैसा हूँ , बस अपने आप में सच्चा हूँ। 


कोई साथ चले या दूर रहे , अपनो के संग सदा रहता हूँ। 
अच्छा कहो या बुरा मुझे , मै अपने दिल की करता हूँ। 
गुण हो ये या दुर्गुण हो , बात ना दिल में रखता हूँ। 
हो खुशहाल या टूटा  दिल , नहीं दिल पर बोझ मै रखता हूँ। 

फिर भली लगे या लगे बुरी , मै  बात सामने कहता हूँ। 
जो भी हूँ मै जैसा हूँ , स्वय में निश्छल भाव से वैसा हूँ।  


सर्वाधिकार प्रयोक्तागण 2014 © ミ★विवेक मिश्र "अनंत"★彡3TW9SM3NGHMG


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