आचरण का अर्थ तो ,
आ-चरण में ही छिपा ।
आ-चरण सीखे बिना ,
आचरण किससे सधा ।
आचार्य है वो लोग जो ,
आ-चरण को जानते ।
आ-चरण को साध कर ,
आचरण को बाँटते ।
आचरण को जानना ,
है नहीं मुश्किल कोई ।
पर साध पाए जो उसे ,
सिद्ध कहलाता वही ।
सर्वाधिकार प्रयोक्तागण 2011 © ミ★विवेक मिश्र "अनंत"★彡3TW9SM3NGHMG
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ミ★विवेक मिश्र "अनंत"★彡
"अगर है हसरत मंजिल की, खोज है शौख तेरी तो, जिधर चाहो उधर जाओ, अंत में फिर मुझको पाओ। "
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