मेरी डायरी के पन्ने....

मंगलवार, 11 जून 2013

आचरण की सभ्यता..

आचरण का अर्थ तो ,
आ-चरण में ही छिपा ।

आ-चरण सीखे बिना ,
आचरण किससे सधा । 

आचार्य है वो लोग जो ,
आ-चरण को जानते ।

आ-चरण को साध कर ,
आचरण को बाँटते ।

आचरण को जानना , 
है नहीं मुश्किल कोई ।

पर साध पाए जो उसे ,
सिद्ध कहलाता वही ।

 सर्वाधिकार प्रयोक्तागण 2011 © ミ★विवेक मिश्र "अनंत"★彡3TW9SM3NGHMG

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ミ★विवेक मिश्र "अनंत"★彡
"अगर है हसरत मंजिल की, खोज है शौख तेरी तो, जिधर चाहो उधर जाओ, अंत में फिर मुझको पाओ। "

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