मेरी डायरी के पन्ने....

बुधवार, 7 मार्च 2012

जय हो यू.पी. के भैया लोगो की....

जय हो यू.पी. के भैया लोगो की....
 (१)

चल हथिया , चल हथिया ,
इस्तीफा देने राज्यपाल के पास ।
जनता ने है हवा भरी ,
अबसे चलेगा सायकिल  राज ।



जनता ने है चोट किया ,
हाथी हो गया पस्त निराश ।

कुचल गया है हाथ का पंजा ,
मुरझाया कमल का फूल है आज ।


टायर टूयूब नए डलवाकर ,
चली है फिर से साइकिल आज ।
अब देखे क्या किस्मत प्रदेश की ,
होगा सुशाशन या फिर आएगा गुंडा राज ?

(२)

ब्रेवो राहुल,
हार जीत होती रहती है ,
नर हो न निराश करो मन को.....।

वेलडन अखिलेश,
अपने सपनों को साकार किया ,

पिता को सिंहासन उपहार दिया ।

ना होना निराश उमा भारती..
अभी जन्मभूमि का  काज है बाकी ।


अब रेस्ट करो थोडा मायावती..
मतवाला हो गया तेरा हाथी ।


होली की आप सभी को सपरिवार हार्दिक शुभ कामनाये.....

सर्वाधिकार प्रयोक्तागण 2011 © ミ★विवेक मिश्र "अनंत"★彡3TW9SM3NGHMG

2 टिप्‍पणियां:

स्वागत है आपका
मैंने अपनी सोच तो आपके सामने रख दी,आपने पढ भी ली,कृपया अपनी प्रतिक्रिया,सुझावों दें ।
आप जब तक बतायेंगे नहीं.. मैं जानूंगा कैसे कि... आप क्या सोचते हैं ?
आपकी टिप्पणी से हमें लिखने का हौसला मिलता है।
पर
तारीफ करें ना केवल मेरी,कमियों पर भी ध्यान दें ।
अगर कहीं कोई भूल दिखे,संज्ञान में मेरी डाल दें ।
आभार..
ミ★विवेक मिश्र "अनंत"★彡
"अगर है हसरत मंजिल की, खोज है शौख तेरी तो, जिधर चाहो उधर जाओ, अंत में फिर मुझको पाओ। "

(हिन्दी में प्रतिक्रिया लिखने के लिए यहां क्लिक करें)