मेरी डायरी के पन्ने....

गुरुवार, 12 जनवरी 2012

शत - शत नमन...!!

अभिनन्दन है , वंदन है तेरा ।
हे राष्ट्र पुरुष , हे महापुरुष ।
सामर्थ नहीं हम में इतना ,
कर पाए तेरा समुचित गुणगान ।
गुंजित है ये धरती सारी ,
गूँज रहा नभ में तेरा यशोगान।

स्वामी विवेकानंद जी की "जयंती"
'युवा दिवस’ (१२ जनवरी)
पर कृतज्ञ राष्ट्र की ओर से
शत - शत नमन...!!

3 टिप्‍पणियां:

स्वागत है आपका
मैंने अपनी सोच तो आपके सामने रख दी,आपने पढ भी ली,कृपया अपनी प्रतिक्रिया,सुझावों दें ।
आप जब तक बतायेंगे नहीं.. मैं जानूंगा कैसे कि... आप क्या सोचते हैं ?
आपकी टिप्पणी से हमें लिखने का हौसला मिलता है।
पर
तारीफ करें ना केवल मेरी,कमियों पर भी ध्यान दें ।
अगर कहीं कोई भूल दिखे,संज्ञान में मेरी डाल दें ।
आभार..
ミ★विवेक मिश्र "अनंत"★彡
"अगर है हसरत मंजिल की, खोज है शौख तेरी तो, जिधर चाहो उधर जाओ, अंत में फिर मुझको पाओ। "

(हिन्दी में प्रतिक्रिया लिखने के लिए यहां क्लिक करें)