प्यारे साथियों
आज बस आप सभी से थोडा हँसी मजाक.......
कल रात मेरे एक मित्र ने अपनी व्यथा मेरे पास एस.एम्.एस से भेजी ...
और बात ही कुछ ऐसी थी कि न चाहते हुए मुझे भी उनके दुःख में शरीक होना पड़ा ,
तो सोंचा कि क्यों न आप में से ज्यादातर को दुखी कर दूँ ,
हालाँकि कुछ लोग जिनकी गिनती मर्दों में नहीं होती उन्हें यह खुश होने का भी अवसर देगा ....
तो
आईये शरीक होते है .... इस जनहित के दुःख में !
"बेचारा मर्द !
अगर औरत पर हाथ उठाये तो ... जालिम ।
अगर औरत से पिट जाये तो ,,. बुजदिल ।
औरत को किसी के साथ देख कर झगडा करे तो ... संकीर्ण मानसिकता का ।
और अगर देख कर चुप रह जाय तो ... बे-गैरत ।
घर से बाहर रहे तो ... आवारा ।
घर में रहे तो ... नाकारा ।
बच्चों को डांट दे तो ... जंगली ।
ना डांटे तो ... लापरवाह ।
औरत को नौकरी करने से रोंके तो ... शक्की मिजाज ।
ना रोंके तो ... बीबी की कमाई खाने वाला ।
माँ की माने तो ... माँ का चमचा ।
बीबी की सुने तो ... जोरू का गुलाम ।
अरे यारों ना जाने कब आएगा
मर्दों की जिंदगी में ......
HAPPY MAN DAY"
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ミ★विवेक मिश्र "अनंत"★彡
"अगर है हसरत मंजिल की, खोज है शौख तेरी तो, जिधर चाहो उधर जाओ, अंत में फिर मुझको पाओ। "
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