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सोमवार, 29 नवंबर 2010

निन्यान्वे का फेर

प्रिय मित्रो एवं ब्लॉग जगत के समस्त आदरणीय वरिष्ठ गुरुजन, यदि आप को कभी ध्यान आया हो मै अचानक ब्लाग जगत से कहाँ गायब हो गया तो लीजिये आपके सामने प्रस्तुत है वह कारण जिसने मुझे अचानक ११.१०.२०१० से निन्यान्वे के फेर में लपेट लिया और उसी समयाभाव के कारण ना तो मै अपने ही ब्लॉग पर निरंतरता के साथ कोई पोस्ट लगा सका ना ही आप स्नेहीजनो के ब्लाग पर आ सका, क्या करे एक तो निन्यान्वे का फेर ही ऐसा होता है जो अच्छे अच्छो को लपेट लेता है (मेरी तो बिसात ही क्या.. जाने कितने बादल आये गरजे बरसे चले गए... मै भी एक छोटा सा बादल.......) और फिर दूसरे मै अपने स्वाभाव से भी मजबूर हूँ कि जो काम अपने जिम्मे लेता हूँ उसे करता हूँ तो अपना पूरा जी जान लगाकर करता हूँ वरना नही करता हूँ फिर चाहे जो हो जाय ...
खैर एक नजर आप भी इस कारण पर डाल लें.... इससे बेहतर (इस तरह का) कोई और कारण ना तो पूर्व में कभी आया होगा ना शायद निकट भविष्य में आने वाला है...   तो यदि आप भी इसके फेर में पड़ने के फ़िराक में हो तो मुझे जरुर बताये शायद मै आपकी कोई मदत करने का दुस्साहस कर सकूँ..
Sahara Comosale ... An Uniq MLM...Intro

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आभार..
ミ★विवेक मिश्र "अनंत"★彡
"अगर है हसरत मंजिल की, खोज है शौख तेरी तो, जिधर चाहो उधर जाओ, अंत में फिर मुझको पाओ। "

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