सच सुनना और भी मुश्किल है ।
आग जलाना अगर कठिन ,
उस पर चलाना मुश्किल है ।
आसान अगर ना सच कहना ,
है कठिन सदा उसपर टिकाना ।
सच का सहारा लिए बिना ,
है कठिन झूंठ साबित करना ।
झूंठ के पाँव नहीं होते ,
वो चलता सच के पावों पर ।
सच चाहे हो लाचार भले ,
वो चलता अपने पावों पर ।
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आभार..
ミ★विवेक मिश्र "अनंत"★彡
"अगर है हसरत मंजिल की, खोज है शौख तेरी तो, जिधर चाहो उधर जाओ, अंत में फिर मुझको पाओ। "
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